प्रस्तुत कहानी एक ऐसी लड़की की आपबीती है, जिसने अपने माता पिता के बीच स्थाई ब्रेकअप देखा और उसके डर से अपने विवाह से भी उसे डर लगता रहा। फिर उसने अपने पिता से भिन्न एक पुरुष में पाया कि पुरुष महिला के प्रति उदार भी होते हैं। वह आत्मनिर्भर भी होना चाहती रही और अपने परिवार को भी संगठित रखने की कोशिश करती रही। इसी कश्मकश में वह अचानक उस एपिडेमिक का शिकार हो गयी जिसने AIIMS जैसे संस्थान के चिकित्सकों को भी नहीं बक्शा था।